JAI GURUDEV
Thursday, 16 August 2012
JAIGURUDEV
सहजो
कारज
जगत
के
,
गुरु
बिन
पूरे
नाहीl
हरी
तो
गुरु
बिन
क्यों
मिले
,
समझ
देख
मन
माहिll
सतगुरु
बिन
भटकत
फिरे
,
परसत
पाथर
नीरl
सहजो
कैसे
मिटत
है
,
जम
जालिम
की
पीरll
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment